मंगलवार, 19 अप्रैल 2022

चौकीदार ही निकला चोर

आर्यावर्त के शांतिकुंज में हुई समस्या भारी 

एक ही रात में कई घरों में हो गई सेंधमारी 


सिन्हा जी की दुल्हनिया के गहने ले गए चोर 

पांडे जी भी खोज रहे हैं साइकिल चारों ओर 

पासवान जी की गाड़ी का पहिया हो गया गायब 

और ठाकुर जी सोच रहे हैं एसी कहां गई साहब 


चोरों का आतंक बढ़ा 

मचा घर-घर में हाहाकार 

पहले तो सिर्फ पहिया गई थी 

अब तो गायब हो गई कार


आर्यावर्त में खींच गई है चिंता की लकीर 

चौकीदार के होते कैसे लुट गया ये प्राचीर

रात-रात भर डंडे फटकारे 

और सीटी बजाता 

चौकीदार है पूरी रात गलियों में आता-जाता

 

बड़ा सजग है, बड़ा सुघड़ है 

दिखता संत समान 

दाढ़ी-बाल तो ऐसे रखता जैसे संत महान


ऐसे चौकीदार के होते कैसे लग गई सेंध 

मंथन के बाद हाथ लगी युवा मंडली के गेंद


चोरों की धरपकड़ के लिए खूब सोच-विचार 

कुछ युवकों की टीम हो गई फिर तैयार


आधी रात जब हुई अचानक  निकला चौकीदार 

उसके पीछे टपका रहे हैं गली के कुत्ते लार 

उन कुत्तों के सामने फेंक रहा वह बोटी 

कुछ कुत्तों के सामने रूखी-सूखी रोटी 

दुम हिलाते ये कुत्ते भूल गए हैं भौंकना 

और चौकीदार आगे बढ़ रहा होकर बेहद चौकन्ना 

कर्नल केवट जी के घर का पहले तोड़ा ताला 

फिर बंसल जी के घर से निकला ओढ़े चादर काला 

युवा मंडली थी चौकन्ना 

शोर मचा चहुंओर 

काला चादर उतर गया था चौकीदार ही निकला चोर।


असित नाथ तिवारी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तन्हा

 वो जो किसी दिन तुम्हें चुभा होगा  देखना  गौर से  वो टूटा  होगा बिखर जाने का लिए मलाल वो भरी महफ़िल में भी तन्हा होगा।