आर्यावर्त के शांतिकुंज में हुई समस्या भारी
एक ही रात में कई घरों में हो गई सेंधमारी
सिन्हा जी की दुल्हनिया के गहने ले गए चोर
पांडे जी भी खोज रहे हैं साइकिल चारों ओर
पासवान जी की गाड़ी का पहिया हो गया गायब
और ठाकुर जी सोच रहे हैं एसी कहां गई साहब
चोरों का आतंक बढ़ा
मचा घर-घर में हाहाकार
पहले तो सिर्फ पहिया गई थी
अब तो गायब हो गई कार
आर्यावर्त में खींच गई है चिंता की लकीर
चौकीदार के होते कैसे लुट गया ये प्राचीर
रात-रात भर डंडे फटकारे
और सीटी बजाता
चौकीदार है पूरी रात गलियों में आता-जाता
बड़ा सजग है, बड़ा सुघड़ है
दिखता संत समान
दाढ़ी-बाल तो ऐसे रखता जैसे संत महान
ऐसे चौकीदार के होते कैसे लग गई सेंध
मंथन के बाद हाथ लगी युवा मंडली के गेंद
चोरों की धरपकड़ के लिए खूब सोच-विचार
कुछ युवकों की टीम हो गई फिर तैयार
आधी रात जब हुई अचानक निकला चौकीदार
उसके पीछे टपका रहे हैं गली के कुत्ते लार
उन कुत्तों के सामने फेंक रहा वह बोटी
कुछ कुत्तों के सामने रूखी-सूखी रोटी
दुम हिलाते ये कुत्ते भूल गए हैं भौंकना
और चौकीदार आगे बढ़ रहा होकर बेहद चौकन्ना
कर्नल केवट जी के घर का पहले तोड़ा ताला
फिर बंसल जी के घर से निकला ओढ़े चादर काला
युवा मंडली थी चौकन्ना
शोर मचा चहुंओर
काला चादर उतर गया था चौकीदार ही निकला चोर।
असित नाथ तिवारी
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