गुरुवार, 21 जून 2018

कर शीर्षासन


                      कर शीर्षासन
रोजगार की ऐसी-तैसी
अर्थतंत्र की डूबी भैंसी
चार साल का तेरा शासन
भ्रष्टाचार में हुआ नंबर वन
कर शीर्षासन !
सीमा पर हर रोज मरे हैं
देश के भीतर रोज लड़े हैं
डूबी है शिक्षा की नैया
अस्पताल बीमार पड़े हैं
कहां गए सब तेरे भाषण ?
कर शीर्षासन !
कारोबार की ऐसी-तैसी
बंद हो रहे धंधे देसी
रोज-रोज के दंगे-दंगे
गाय-गोबर, लाठी-झंडे
मुद्दों पर न होगा आसन
कर शीर्षासन !
कहां गए रोज़गार के वादे ?
कहां गए वो पक्के इरादे ?
दस सिरा वाला वो जुमला
काले धन के जुमले-झांसे
पंद्रह लखिया फरेब वो
कुछ तो दे दो इस पर भाषण
कर शीर्षासन !
दिए थे झांसे मंचों से जो
फेंके थे सब मंचों से जो
बिहार, झारखंड, असम औ केरल
यूपी, कश्मीर, महाराष्ट्र, मिजोरम
गोवा, सिक्किम और हिमाचल
बना रहे थे सबको नंबर वन
कर शीर्षासन !
पूरी दुनिया घूम रहे हो
सूट-बूट को चूम रहे हो
धेला एक न लाए अब तक
झूठ-फरेब का परचून बने हो
जब जनता-मांगे रोटी-राशन
कर शीर्षासन !


तन्हा

 वो जो किसी दिन तुम्हें चुभा होगा  देखना  गौर से  वो टूटा  होगा बिखर जाने का लिए मलाल वो भरी महफ़िल में भी तन्हा होगा।