बुधवार, 28 अगस्त 2019

चल झूठे

झोला उठा कर चला जाएगा भोगी
चल झूठे
राज सिंहासन पर बैठा योगी
चल झूठे
चिडिय़ा, पत्ती, फूल और कलियाँ
सब उदास हैं
मुझसे बिछड़ कर वो खुश होगी
चल झूठे

बुधवार, 7 अगस्त 2019

मैं चला जाऊंगा


मैं चला जाऊंगा मेरी चाहतें रह जाएंगी
आंखों में जो भी पढ़ी, वो आयतें रह जाएंगी
मैं चला जाऊंगा मेरी चाहतें रह जाएंगी

मोहब्बतों में जब ढलो, नादान बनकर ही ढलो
क्या पता ये चाहतें किस हद तक आजमाएंगी
मैं चला जाऊंगा मेरी चाहतें रह जाएंगी

दुश्मनों के नाम से डरता नहीं है अब ये दिल
दोस्तों की चालें हीं भूली नहीं अब जाएंगी
मैं चला जाऊंगा मेरी चाहतें रह जाएंगी

वो समझते ये रहे कि मैं समझता ही नहीं
उनकी ये नादानियां ही उनको कुछ सिखलाएंगी
मैं चला जाऊंगा मेरी चाहतें रह जाएंगी

आंखों से जो भी बहे मिट्टी में ही मिलते गए
और आहें जो भी निकलीं वो दुआ हो जाएंगी
मैं चला जाऊंगा मेरी चाहतें रह जाएंगी

इश्क जब भी तुम करो बेलौस होकर ही करो
जब वफा की बारी होगी वो उन्हें आजमाएगी
मैं चला जाऊंगा मेरी चाहतें रह जाएंगी
आंखों में जो भी पढ़ी, वो आयतें रह जाएंगी







रविवार, 4 अगस्त 2019

वक्त के हाथ से

वक्त के हाथ से यूं फिसलता रहा
जैसे मुट्ठी से रेत फिसलती रही
वो जाते रहे सामने से मेरे
सांसें मोहब्बत की मचलती रहीं
वक्त के हाथ से....

अभी हुस्न का उनको गुमान है
अभी रूप के हैं दीवाने कई
अभी तो है भवंरों गुंजन यहां
अभी तो बनेंगे फसाने कई
वक्त के हाथ से यूं फिसलता रहा
जैसे मुट्ठी से रेत फिसलती रही
वो जाते रहे सामने से मेरे
सांसें मोहब्बत की मचलती रहीं

हम तो रेत की मानिंद बिखर जाएंगे
वो भी मूरत सी कोई निखर जाएगी
बात जब भी मोहब्बत की होगी कहीं
सूरत मेरी नज़र में उतर जाएगी
क्योंकि चाहत कभी भी है मरती नहीं
बन मोहब्बत है सांसों में चलती रही
वक्त के हाथ से यूं फिसलता रहा
जैसे मुट्ठी से रेत फिसलती रही
वो जाते रहे सामने से मेरे
सांसें मोहब्बत की मचलती रहीं

तन्हा

 वो जो किसी दिन तुम्हें चुभा होगा  देखना  गौर से  वो टूटा  होगा बिखर जाने का लिए मलाल वो भरी महफ़िल में भी तन्हा होगा।