मंगलवार, 6 अप्रैल 2021

मिसरा

 कुछ पलाश हैं, कुछ महुआ है, कुछ बबूल हैं

अपने-अपने जीवन के अपने उसूल हैं

प्रेम रिक्त हृदय में ज्वाला कुंठा की

प्रेम सिक्त हृदय में टेसू के फूल हैं।


...असित नाथ तिवारी...

तन्हा

 वो जो किसी दिन तुम्हें चुभा होगा  देखना  गौर से  वो टूटा  होगा बिखर जाने का लिए मलाल वो भरी महफ़िल में भी तन्हा होगा।