बुधवार, 13 अक्टूबर 2021

मौत की जल्दी

 मौत की जल्दी बहुत थी

रावण हुआ अधीर

युद्ध श्रेत्र तैयार पड़ा था

पहुंचे नहीं रघुवीर


रावण को घर भी जाना था

बच्चों को मेला लाना था

देर रात की बस से फिर

सबको अपने गांव जाना था


इस जल्दी में, उस जल्दी में

नमक गिरा जा हल्दी में

हनुमान ने खाना खाया

रावण की जूठी थाली में


रामलीला अब खत्म हो गया

वस्त्र उतर गए भाड़े वाले

मेकअप के बिन राम दिख रहे

अशरफ मियां नगाड़े वाले


जींस पहनकर रावण निकला

मथुरा वाला पावन निकला

जो थे अब तक हनुमान जी

निकले वो तो पहलवान जी


रामनगीना गोलगप्पे खा रहा है 

और मुंह टुल्लू को चिढ़ा रहा है


सीता और मंथरा का रोल

रामनगीना निभा रहा था

लक्ष्मण के वेश में देखो

टुल्लू सबको भा रहा था


सबको अब जल्दी जाना है

अपने-अपने घर

अगले साल फिर मिलेंगे

ऐसे ही सज-संवर


... असित नाथ तिवारी


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तन्हा

 वो जो किसी दिन तुम्हें चुभा होगा  देखना  गौर से  वो टूटा  होगा बिखर जाने का लिए मलाल वो भरी महफ़िल में भी तन्हा होगा।