मौत की जल्दी बहुत थी
रावण हुआ अधीर
युद्ध श्रेत्र तैयार पड़ा था
पहुंचे नहीं रघुवीर
रावण को घर भी जाना था
बच्चों को मेला लाना था
देर रात की बस से फिर
सबको अपने गांव जाना था
इस जल्दी में, उस जल्दी में
नमक गिरा जा हल्दी में
हनुमान ने खाना खाया
रावण की जूठी थाली में
रामलीला अब खत्म हो गया
वस्त्र उतर गए भाड़े वाले
मेकअप के बिन राम दिख रहे
अशरफ मियां नगाड़े वाले
जींस पहनकर रावण निकला
मथुरा वाला पावन निकला
जो थे अब तक हनुमान जी
निकले वो तो पहलवान जी
रामनगीना गोलगप्पे खा रहा है
और मुंह टुल्लू को चिढ़ा रहा है
सीता और मंथरा का रोल
रामनगीना निभा रहा था
लक्ष्मण के वेश में देखो
टुल्लू सबको भा रहा था
सबको अब जल्दी जाना है
अपने-अपने घर
अगले साल फिर मिलेंगे
ऐसे ही सज-संवर
... असित नाथ तिवारी
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