रविवार, 8 सितंबर 2019

मिसरा


दो कदम और साथ दे दो तो संभल जाऊंगा
मैं चराग हूं तूफानों से लड़ जाऊंगा
मेरी चाहत है रौशनी फैलाने की
मैं बाती की तरह तेरी खातिर जल जाऊंगा

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तन्हा

 वो जो किसी दिन तुम्हें चुभा होगा  देखना  गौर से  वो टूटा  होगा बिखर जाने का लिए मलाल वो भरी महफ़िल में भी तन्हा होगा।