कि दस्तक दे दी है
हमने
तेरी दहलीज पर आकर
भटके हैं तेरे दिल
की
कुंडी को खटका कर
कि सुन ले चांद तू
क्या आजमाएगा मोहब्बत को
कि आशिक हम भी हैं
पगले
मानेंगे तेरे दिल को
धड़का कर
वो जो किसी दिन तुम्हें चुभा होगा देखना गौर से वो टूटा होगा बिखर जाने का लिए मलाल वो भरी महफ़िल में भी तन्हा होगा।
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