शनिवार, 8 जून 2019

लोकतंत्र का मुर्दाघर

ना टीवी ना अखबार चलेगा
लोकतंत्र के मुर्दाघर में
अब केवल जय-जयगान चलेगा

लाठी-डंडा, पुलिस-सिपाही
हर ज़ुबान पर हिटलरशाही
गली-गली बंदूकें लेकर
हिटलर का चौकीदार चलेगा
लोकतंत्र के मुर्दाघर में
अब केवल जय-जयगान चलेगा

संविधान एक थोथी पोथी
कोर्ट-कचहरी सब बपौती
कानूनों की कान उमेठे
तानाशाह बीच बाजार चलेगा
लोकतंत्र के मुर्दाघर में
अब केवल जय-जयगान चलेगा

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तन्हा

 वो जो किसी दिन तुम्हें चुभा होगा  देखना  गौर से  वो टूटा  होगा बिखर जाने का लिए मलाल वो भरी महफ़िल में भी तन्हा होगा।