ना टीवी ना अखबार चलेगा
लोकतंत्र के मुर्दाघर में
अब केवल जय-जयगान चलेगा
लाठी-डंडा, पुलिस-सिपाही
हर ज़ुबान पर हिटलरशाही
गली-गली बंदूकें लेकर
हिटलर का चौकीदार चलेगा
लोकतंत्र के मुर्दाघर में
अब केवल जय-जयगान चलेगा
संविधान एक थोथी पोथी
कोर्ट-कचहरी सब बपौती
कानूनों की कान उमेठे
तानाशाह बीच बाजार चलेगा
लोकतंत्र के मुर्दाघर में
अब केवल जय-जयगान चलेगा
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