मंगलवार, 11 जून 2019

इश्क की बाज़ी

वो दो नयना प्यारे हैं-3
जिन आंखों में डूबे हम
ये सब क़िस्से दिल के हैं
कुछ आंसू हैं कुछ हैं ग़म

वो दो नयना प्यारे हैं-3

जिन आंखों में डूबे हम

एक मुद्दत से मिलते रहे-3
एक मुद्दत से बिछड़े हम
यूं तो हर दिन साथ रहे
फिर भी दूरी नापे हम

कतरा-कतरा आंसू हैं
हर धड़कन की आहें हम
जीते-जी ना छोड़ेंगे
इश्क की ये राहें हम

वो दो नयना प्यारे हैं-3

जिन आंखों में डूबे हम

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तन्हा

 वो जो किसी दिन तुम्हें चुभा होगा  देखना  गौर से  वो टूटा  होगा बिखर जाने का लिए मलाल वो भरी महफ़िल में भी तन्हा होगा।