वक्त नहीं लगता है
भरोसा खोने में
जीवन बीत जाता है
मोतबर होने में
जिन्हें फिक्र नहीं
एहसास के समंदर की
वो क्या जानें, कितना
लहू बहता है रोने में
वो जो किसी दिन तुम्हें चुभा होगा देखना गौर से वो टूटा होगा बिखर जाने का लिए मलाल वो भरी महफ़िल में भी तन्हा होगा।
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