उसने देखा नहीं यूं मंज़र होना
सूनी आंखों का समंदर होना
उसको गुमान है अपनी
चालाकियों पर
हमको आता है कलंदर होना
सूनी आंखों का समंदर होना
उसको गुमान है अपनी
चालाकियों पर
हमको आता है कलंदर होना
वो जो किसी दिन तुम्हें चुभा होगा देखना गौर से वो टूटा होगा बिखर जाने का लिए मलाल वो भरी महफ़िल में भी तन्हा होगा।
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