रविवार, 3 फ़रवरी 2019

तुम भी मेरे जैसी हो


होठों पर जो ये ना-ना तुम लाती हो
आंखों से क्यों हां-हां तुम दोहराती हो
अरे, लगता है तुम भी मेरे जैसी हो-2
कहना जो है वही नहीं कह पाती हो
अरे, होठों पर जो ना-ना तुम लाती हो
आंखों से क्यों हां-हां तुम दोहराती हो

तेरे-मेरे बीच कोई तो रिश्ता है-2
वरना क्यों चेहरे के भाव छुपाती हो
होठों पर जो ना-ना तुम लाती हो
आंखों से क्यों हां-हां तुम दोहराती हो

मेरे कूचे में तेरा यूं आते रहना
आंखों-आंखों से यूं बतियाते रहना
खामोशी के बीच बहुत कुछ कहती हो
होठों पर जो ना-ना तुम लाती हो
आंखों से क्यों हां-हां तुम दोहराती हो

मेरे भीतर ये जो एक बसेरा है
दिल कहता है वो तेरा ही डेरा है
दूर कहीं जो नज़रों से तुम होती हो
क्या पता कितना तुम तड़पाती हो
अरे, होठों पर जो ना-ना तुम लाती हो
आंखों से क्यों हां-हां तुम दोहराती हो

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तन्हा

 वो जो किसी दिन तुम्हें चुभा होगा  देखना  गौर से  वो टूटा  होगा बिखर जाने का लिए मलाल वो भरी महफ़िल में भी तन्हा होगा।