मुझे टूटे हुए सपनों की सिसकियां सुनाई देतींं हैं
दफ्न पड़े अरमानों की हिचकियां सुनाई देतीं हैं
वो मुझसे पूछ रहे हैं मेरी जागती रातों का सबब
मेरी खामोशी में इश्क की मजबूरियां दिखाई देतीं हैं।
दफ्न पड़े अरमानों की हिचकियां सुनाई देतीं हैं
वो मुझसे पूछ रहे हैं मेरी जागती रातों का सबब
मेरी खामोशी में इश्क की मजबूरियां दिखाई देतीं हैं।
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