उनसे सलीके से अपनी बात रखिए
दिल निकाल दीजिए, एहसास रखिए
गर है मोहब्बत तो इकरार कीजिए
आंखों से निकाल कर जज्बात रखिए
झूठों के सारे झूठ भी नहले निकल गए साहब हमारे दहलों के दहले निकल गए फर्जी जो निकली डिग्री तो है शर्म की क्या बात वादे भी तो सारे उनके जुमल...
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