बुधवार, 2 जनवरी 2019

अच्छा लगता है


 देख मुझे तेरा शर्माना अच्छा लगता है
आसपास यूं ही आ जाना अच्छा लगता है
मुझको तेरी फिक्र नहीं, ऐसा कहना ठीक नहीं
मेरी बातों पर तेरा मुस्काना अच्छा लगता है

मेरी फिक्र तुझे भी होगी, यादें भी आती होंगी
भोलेपन से वो भाव छुपाना अच्छा लगता है
चुपके से नजरें मिल जाना अच्छा लगता है
मुड़-मुड़ कर वो देख के जाना अच्छा लगता है
देख मुझे तेरा शर्माना अच्छा लगता है

पास बैठने को पल भर भी कई बहाने होते हैं
बिना बात के भी बतियाना अच्छा लगता है
कुछ पल साथ बिताए वो पल अच्छा लगता है
तिरछी नजरों का वही तराना अच्छा लगता है
देख मुझे तेरा शर्माना अच्छा लगता है

शाम को सूरज भी जाता है, बिछुड़न होती धरती से
लौट के कल वहीं आना है, अच्छा लगता है
मुझसे राग मिलेगा तेरा, नया तराना छेड़ेंगे
बिन गाए गीतों को सुनाना अच्छा लगता है
देख मुझे तेरा शर्माना अच्छा लगता है।

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तन्हा

 वो जो किसी दिन तुम्हें चुभा होगा  देखना  गौर से  वो टूटा  होगा बिखर जाने का लिए मलाल वो भरी महफ़िल में भी तन्हा होगा।