शुक्रवार, 28 दिसंबर 2018

प्यार जिंदाबाद


ऐ यार जिंदाबाद, है प्यार जिंदाबाद-2
नफरतों की आग पर पानी बना है तू
खंजरों की धार पर पानी फिरा दे तू
तेरे चमन में फूल हैं, खुशबू है बेहिसाब
ऐ यार जिंदाबाद, है प्यार जिंदाबाद-2

इंसान को इंसान से कन्हैया बना दिया
रत्नाकर खुंखार को रचैया बना दिया
राधा अमर है और मीरा गा रही है आज
ऐ यार जिंदाबाद, है प्यार जिंदाबाद 

प्यार जिनके पास था फूलों में खिल गए
तलवारें जिनके हाथ थीं,मिट्टी में मिल गए
पूछो ना वो चंगेज औ सकिंदर कहां हैं आज
ऐ यार जिंदाबाद, है प्यार जिंदाबाद-2

वो नफरतों का बादशाह, हिटलर वो नाम था
आखिर वक्त में बंकरों में वो छुपा रहा
अपनी ही पिस्तौल ने कर दिया हिसाब
ऐ यार जिंदाबाद, है प्यार जिंदाबाद-2

मुसोलिनी वो शख्स था पूजा गया था जो
नफरतों की आग में सोना बना था जो
वो लाश लटकी ही पड़ी थी, थीं चोटें बेहिसाब
ऐ यार जिंदाबाद, है प्यार जिंदाबाद-2

तू भूल मत सद्दाम का वो हश्र याद कर
सन्डास में पड़ा था वो मुंह छुपा कर
जिन नफरतों को बोया था, वो ही रहीं थी मार
ऐ यार जिंदाबाद, है प्यार जिंदाबाद-2

तू कृष्ण को तो देख, दुशासन तो ना तू बन
तू राम का गर भक्त है, रावण तो ना तू बन
तू नफरतों की आग से अहिल्या को ना जला
तू बुद्ध की संतान है, महावीर का औलाद
ऐ यार जिंदाबाद, है प्यार जिंदाबाद-2

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तन्हा

 वो जो किसी दिन तुम्हें चुभा होगा  देखना  गौर से  वो टूटा  होगा बिखर जाने का लिए मलाल वो भरी महफ़िल में भी तन्हा होगा।