गुरुवार, 22 मार्च 2018

लोकतंत्र का जमूरा


जमूरा फिर से आएगा
नाग फिर फन लहराएगा 2
वो काली चादर फैलाएगा
वो फिर जुमले दोहराएगा 2
जमूरा फिर से आएगा
नाग फिर फन लहराएगा
चलेगा फिर वो टेढ़ी चाल
छोड़ेगा फिर वो केंचुल-खाल
उसे बस सत्ता की है भूख
खोलगा फिर से वो संदूक
जुबां पर बारूद और बंदूक
हमें वो फिर से डराएगा
जमूरा फिर से आएगा 2
नाग फिर फन लहराएगा
कि जिसकी लाठी उसकी भैंस
दिखाएगा हमको वो तैश
जो बिकेंगे उनके लिए है कैश
जो बचेंगे उनको धर्म की गैस
वो हमें आपस में लड़ाएगा
हमारा घर गिरवाएगा
जमूरा फिर से आएगा
नाग फिर फन लहराएगा
सुनो ऐ देशभक्त लोगों
बनो मत उनके तुम प्यादों
तुम्हारे नेक इरादे हों
सच्चे अपने वादे हों
ये वादा अपनों खातिर हो
देश के सपनों खातिर हो
देश तुम्हारा है प्यारों
बचा लो इसको अब न्यारों
जमूरा तमाशा बना देगा
तुम्हारी हस्ती मिटा देगा
आपस में लड़ना छोड़ो मित्र
गढ़ो एक राष्ट्र का चरित्र
देश फिर मुस्कुराएगा
जमूरा फिर ना आएगा-2



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तन्हा

 वो जो किसी दिन तुम्हें चुभा होगा  देखना  गौर से  वो टूटा  होगा बिखर जाने का लिए मलाल वो भरी महफ़िल में भी तन्हा होगा।