बा-अदब, बा-मुलाहिजा होशियार
देश भर के लेखक-पत्रकार लिखना-बोलना छोड़ दें
छोड़ दें वो सच का साथ, संस्कृति का हाथ
हुक्काम का फरमान है, मानना होगा
नहीं माने तो लटकाए जाओगे सलीब पर
कूंच दिए जाओगे ईंट-पत्थरों से
भारत में उनका वाला 'राष्ट्रवादी कानून' लागू हो गया है
संविधान 'साहब' के कबाड़खाने में फेंक दिया गया है।
देश भर के लेखक-पत्रकार लिखना-बोलना छोड़ दें
छोड़ दें वो सच का साथ, संस्कृति का हाथ
हुक्काम का फरमान है, मानना होगा
नहीं माने तो लटकाए जाओगे सलीब पर
कूंच दिए जाओगे ईंट-पत्थरों से
भारत में उनका वाला 'राष्ट्रवादी कानून' लागू हो गया है
संविधान 'साहब' के कबाड़खाने में फेंक दिया गया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें