फकत
वोट की खातिर सारा हिंदुस्तान जलेगा
कहीं चंदन मरेगा, कहीं पहलू खान मरेगा
मस्जिद
गिरेगी कहीं, कहीं मंदिर ढहेगा
मरेगी
इंसानियत, कहीं ईमान जलेगा
फकत
वोट की खातिर सारा हिंदुस्तान जलेगा
कहीं चंदन मरेगा, कहीं पहलू खान मरेगा
गीता
जलेगी कहीं, कहीं कुरान जलेगा
ममता
जलेगी कहीं, कहीं सुहाग जलेगा
जल जाएंगे
सपने, रिश्ते भी जलेंगे
कहीं
बस्तियां जलेंगी, कहीं इंसान जलेगा
फकत
वोट की खातिर सारा हिंदुस्तान जलेगा
कहीं चंदन मरेगा, कहीं पहलू खान मरेगा
खेत
जलेंगे, कहीं खलिहान जलेगी
भगत-अशफाक
की शहादत भी जलेगी
पुरखों
का दिया हर निशान जलेगा
फकत
वोट की खातिर सारा हिंदुस्तान जलेगा
कहीं चंदन मरेगा, कहीं पहलू खान मरेगा
कभी
संसद भी जलेगी, कहीं संविधान जलेगा
बुनियाद
जलेगी, कहीं मचान जलेगा
नदियां
भी जलेंगी, दरिया भी जलेगा
मजहब
भी जलेगा, कहीं धर्म जलेगा
कब्रें
भी जलेंगी, कहीं श्मसान जलेगा
फकत
वोट की खातिर सारा हिंदुस्तान जलेगा
कहीं चंदन मरेगा, कहीं पहलू खान मरेगा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें