इंसान चला, किस ओर चला ?
जग के बंधन को तोड़ चला
सारे संस्कार को छोड़ चला
इंसान चला, किस ओर चला ?
यूं चला कि जैसे नर पिशाच
कर आदमखोर सा नंगा नाच
सारे जग को यह मोड़ चला
इंसान चला, किस ओर चला ?
शैतानों से कर कदम-ताल
हैवानों सा होकर बेहाल
इंसानीयत को छोड़ चला
इंसान चला, किस ओर चला ?
बिन कौड़ी मिलता प्रेम जहां
ममता स्नेह का खेल जहां
उस बस्ती को झकझोर चला
इंसान चला, किस ओर चला ?
सुख-चैन छोड़ ये नाग रूप
सौंदर्य त्याग, ऐसा कुरूप
ले लाशों का लाख-करोड़ चला
इंसान चला, किस ओर चला ?
नोचे अपने ही पूतों का
ललकार रहा यमदूतों को
यमराज को पीछे छोड़ चला
इंसान चला, किस ओर चला ?
ले कंधे पर अपने देवालय
मरघट में जाकर छोड़ चला
इंसान चला, किस ओर चला ?
जग के बंधन को तोड़ चला
सारे संस्कार को छोड़ चला
इंसान चला, किस ओर चला ?
यूं चला कि जैसे नर पिशाच
कर आदमखोर सा नंगा नाच
सारे जग को यह मोड़ चला
इंसान चला, किस ओर चला ?
शैतानों से कर कदम-ताल
हैवानों सा होकर बेहाल
इंसानीयत को छोड़ चला
इंसान चला, किस ओर चला ?
बिन कौड़ी मिलता प्रेम जहां
ममता स्नेह का खेल जहां
उस बस्ती को झकझोर चला
इंसान चला, किस ओर चला ?
सुख-चैन छोड़ ये नाग रूप
सौंदर्य त्याग, ऐसा कुरूप
ले लाशों का लाख-करोड़ चला
इंसान चला, किस ओर चला ?
नोचे अपने ही पूतों का
ललकार रहा यमदूतों को
यमराज को पीछे छोड़ चला
इंसान चला, किस ओर चला ?
ले कंधे पर अपने देवालय
मरघट में जाकर छोड़ चला
इंसान चला, किस ओर चला ?
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