एक मुद्दत से जिनपर
भरोसा किया
वो भरोसा मेरा हादसा
हो गया
बात उनकी करूं या
मैं खुद की करूं
वफा किसने की, कौन
बेवफा हो गया
एक मुद्दत से जिनपर
भरोसा किया
वो समझते रहे इक
तिजारत इसे
देखते-देखते क्या से
क्या हो गया
अब तो इक दिन जला
दूंगा इस दिल को मैं
इतना बेबस मेरा ये
सिला हो गया
एक मुद्दत से जिनपर
भरोसा किया
वो भरोसा मेरा हादसा
हो गया
अबकी टूटा तो फिर ना
मैं जुड़ पाऊंगा
देखो, कैसा अजब
माजरा हो गया
रह न जाएगा दिल पर
भरोसा मेरा
कुछ इस कदर वाकया हो
गया
एक मुद्दत से जिनपर
भरोसा किया
वो भरोसा मेरा हादसा
हो गया
बात उनकी करूं या
मैं खुद की करूं
वफा किसने की, कौन
बेवफा हो गया
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