मीत मेरे तुमसे खून का रिश्ता तो नहीं
ना ही कोई सामाजिक नाता है
लेकिन न जाने क्यों
जब कभी तुम नाराज हो जाते हो
तबीयत नासाज हो जाती है
यक़ीन मानो दिल का कोई रिश्ता है तुमसे
तब से जब से तुम जुड़े हो मुझसे
ना ही कोई सामाजिक नाता है
लेकिन न जाने क्यों
जब कभी तुम नाराज हो जाते हो
तबीयत नासाज हो जाती है
यक़ीन मानो दिल का कोई रिश्ता है तुमसे
तब से जब से तुम जुड़े हो मुझसे
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें