मैं चला जाऊंगा मेरी चाहतें रह जाएंगी
आंखों में जो भी पढ़ी, वो आयतें रह जाएंगी
मैं चला जाऊंगा मेरी चाहतें रह जाएंगी
मोहब्बतों में जब ढलो, नादान बनकर ही ढलो
क्या पता ये चाहतें किस हद तक आजमाएंगी
मैं चला जाऊंगा मेरी चाहतें रह जाएंगी
दुश्मनों के नाम से डरता नहीं है अब ये दिल
दोस्तों की चालें हीं भूली नहीं अब जाएंगी
मैं चला जाऊंगा मेरी चाहतें रह जाएंगी
वो समझते ये रहे कि मैं समझता ही नहीं
उनकी ये नादानियां ही उनको कुछ सिखलाएंगी
मैं चला जाऊंगा मेरी चाहतें रह जाएंगी
आंखों से जो भी बहे मिट्टी में ही मिलते गए
और आहें जो भी निकलीं वो दुआ हो जाएंगी
मैं चला जाऊंगा मेरी चाहतें रह जाएंगी
इश्क जब भी तुम करो बेलौस होकर ही करो
जब वफा की बारी होगी वो उन्हें आजमाएगी
मैं चला जाऊंगा मेरी चाहतें रह जाएंगी
आंखों में जो भी पढ़ी, वो आयतें रह जाएंगी