कभी राम की आड़ में
कभी पाकिस्तान की आड़ में
वो चुनाव ही लड़ता है
मुसलमान की आड़ में;
कहता था कि दिखाएंगे
लाल आंखें चीन को
अब नैन मटक्का करने लगा
ट्रंप पहलवान की आड़ में।
झूठों के सारे झूठ भी नहले निकल गए साहब हमारे दहलों के दहले निकल गए फर्जी जो निकली डिग्री तो है शर्म की क्या बात वादे भी तो सारे उनके जुमल...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें