झूठों के सारे झूठ भी नहले निकल गए
साहब हमारे दहलों के दहले निकल गए
फर्जी जो निकली डिग्री तो है शर्म की क्या बात
वादे भी तो सारे उनके जुमले निकल गए।
झूठों के सारे झूठ भी नहले निकल गए
साहब हमारे दहलों के दहले निकल गए
फर्जी जो निकली डिग्री तो है शर्म की क्या बात
वादे भी तो सारे उनके जुमले निकल गए।
कभी राम की आड़ में
कभी पाकिस्तान की आड़ में
वो चुनाव ही लड़ता है
मुसलमान की आड़ में;
कहता था कि दिखाएंगे
लाल आंखें चीन को
अब नैन मटक्का करने लगा
ट्रंप पहलवान की आड़ में।
आप कीजिए धर्म की रक्षा
वो छापेंगे नोट
वो बनेंगे राजा-मंत्री
आप डालिए वोट;
उनका बेटा बैठ हवाई जहाज
पढे़गा जा के लंदन
आपका बेटा बांध मुरेठा
फिरेगा गोपाल ठनठन।
सुना कि अब वो जाग गया है
पर मुंह नहीं है धोया
खुलते ही उसके मुंह से
निकले दुर्गंध का लोया
जगने-जगने की बात करे वो
जो मन में राखे खोट
वो बनेगा राजा-मंत्री
आप डालिए वोट।
झूठों के सारे झूठ भी नहले निकल गए साहब हमारे दहलों के दहले निकल गए फर्जी जो निकली डिग्री तो है शर्म की क्या बात वादे भी तो सारे उनके जुमल...