गुरुवार, 18 सितंबर 2025

मिसरा

 झूठों के सारे झूठ भी नहले निकल गए

साहब हमारे दहलों के दहले निकल गए 

फर्जी जो निकली डिग्री तो है शर्म की क्या बात 

वादे भी तो सारे उनके जुमले निकल गए।

मिसरा

 कभी राम की आड़ में 

कभी पाकिस्तान की आड़ में 

वो चुनाव ही लड़ता है 

मुसलमान की आड़ में;


कहता था कि दिखाएंगे 

लाल आंखें चीन को

अब नैन मटक्का करने लगा 

ट्रंप पहलवान की आड़ में।

राजनीति का गोरखधंधा

आप कीजिए धर्म की रक्षा 

वो छापेंगे नोट 

वो बनेंगे राजा-मंत्री

आप डालिए वोट;


उनका बेटा बैठ हवाई जहाज 

पढे़गा जा के लंदन

आपका बेटा बांध मुरेठा

फिरेगा गोपाल ठनठन।


सुना कि अब वो जाग गया है 

पर मुंह नहीं है धोया 

खुलते ही उसके मुंह से 

निकले दुर्गंध का लोया 


जगने-जगने की बात करे वो

जो मन में राखे खोट

वो बनेगा राजा-मंत्री 

आप डालिए वोट।

मिसरा

 झूठों के सारे झूठ भी नहले निकल गए साहब हमारे दहलों के दहले निकल गए  फर्जी जो निकली डिग्री तो है शर्म की क्या बात  वादे भी तो सारे उनके जुमल...